Wheat Crop : जानकारी के लिए बता दें छोटा लगने वाला यह आंकड़ा किसानों के लिए बहुत भारी है क्योंकि प्रति क्विंटल के हिसाब से अगर किस से 250 से 600 ग्राम ज्यादा गेहूं ले रहे हैं, बल्कि इतनी गेहूं में अब नमी नहीं रही है, किस को चारों तरफ से नुकसान पहुंच रहा पहुंच रहा है, भाव में भी और फसल के तुलन में भी. श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ व अनूपगढ़ जिलों में सरकार 15 दिन में ही 22 हजार किसानों से 30 लाख क्विंटल (3) लाख एमटी) से ज्यादा गेहूं खरीदा है। इस हिसाब से इन किसानी को अब तक 26 लाख का नुकसान हो चुका है। गानी इन किसानों से गेहूं ज्यादा लिया गया और उन्हें भुगतान कम किया गया।
गेहूं खरीद की तुलाई का गणित देखा (Wheat Crop)
गेहूं खरीद की तुलाई का सच जानने के लिए हमारी स्पेशल टीम राजस्थान की मंडियों में पहुंची, जाकर तुलाई का गणित देखा तो हर जगह यह बड़ा खेल हो रहा था लिए आप गेहूं खरीद का नियम जानिए. किसान से खरीदे गेहूं को सरकार प्लास्टिक अथवा जूट के बैग में 50 किली की पैकिंग में तुलाई करती है। बैग प्लास्टिक का है तो किसान से 50.135 किलो गेहूं लिया जाएगा और बैग जूट का है तो 50.580 किली गेहूं लिया जाएगा। अब गड़बड़ यह हो रही है कि जूट के बैग में किसानों से 50.700 से 51 किलो तक तो प्लास्टिक के बैग में 50.255 किलो से 50.500 किलो तक गेहूं तोला जा रहा है। हर एक क्विंटल में किसान से 240 से 500 ग्राम तक ज्यादा गेहूं लिया जा रहा है। 30 जून तक 12 लाख एमटी गेहूं सरकार ने खरीदना है। यही स्थिति रही तो किसानों से करीब 4200 क्विंटल गेहूं अधिक लिया जाएगा, जिससे उन्हें करीब 21 करोड़ का नुकसान होगा।
30 लाख 32 हजार क्विंटल गेहूं की सरकारी खरीद (Wheat Crop)
श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ और अनूपगढ़ में 22 हजार किसानों से 29 अप्रैल तक 30 लाख 32 हजार क्विंटल गेहूं की सरकारी खरीद हो चुकी है। हर क्विंटल के पीछे 240 से 500 ग्राम गेहूं ज्यादा ले रहे हैं। औसत 350 ग्राम भी मानें तो 30.32 लाख क्विंटल के हिसाब से 1061 क्विंटल गेहूं अवैध तरीके से किसानों से ज्यादा ली गई है। सरकारी भाव 2400 रुपए के अनुसार यह 1061 क्विंटल गेहूं 25 लाख 46 हजार रुपए का होता है।