Mahashivratri : महाशिवरात्रि की रात महादेव की भक्ति वाले होते हैं मालामाल, शिव महापुराण कथा सुनने से मिलता हैं पुण्य

Mahashivratri : महाशिवरात्रि हिंदुओं के लिए बेहद खास त्योहार माना जाता है। महाशिवरात्रि के उपलक्ष पर लोग पूजा के साथ-साथ व्रत भी रखते हैं. महाशिवरात्रि के दिन शिव पार्वती महोत्सव मनाया जाता है. महाशिवरात्रि की रात लोगों के सभी दुखों का निवारण हो जाता है। महाशिवरात्रि को विवाह महोत्सव की तरह ना लेकर भगवान शिव की भक्ति करनी चाहिए। जिस किसी को भी महादेव की भक्ति मिल जाती है वह मालामाल हो जाता है। महादेव की भक्ति के आगे तो कुबेर छोटा रह जाता हैं। जो महादेव को फूलों से सजाता है, महादेव उसे सद्‌गुणों से सजा देते हैं।

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गिरि बापू महाराज (Mahashivratri)

झालरिया मठ में आयोजित शिव महापुराण कथा में चौथे दिन गिरि बापू महाराज ने यह बात कही। कथा का प्रारंभ दुनिया में सबसे ऊंचाई पर स्थित तुंगनाथ केदार महादेव सहित पंच केदारनाथ की स्तुति से किया। कथा में भीमाशंकर महादेव के भी जयकारे लगे। महाराज ने कहा कि संसार में भटके हुए को शिव तक पहुंचाना पुण्य का काम है। संसार में किसी भी पुण्य का क्षय हो सकता है लेकिन महादेव की भक्ति कभी भी क्षय नहीं होती हैं।

आरोग्य जीवन चाहिए (Mahashivratri)

शिव महापुराण कथा सुनने से जो पुण्य मिलता है, उसका कभी क्षय नहीं होता। हम पहले मिट्टी में रहते थे, मिट्टी में खेलते थे, धरती के संपर्क में रहते थे, मिट्टी से नहाते थे तो तेज था करंट रहता था, घर में रोशनी चाहिए तो भी अर्थिंग के लिए तार को जमीन में गाड़ना होता है, पर आजकल हमारे पैर धरती पर रखे कई दिन, महीनों बीत जाते हैं, आरोग्य चाहिए, जीवन में करंट चाहिए तो धरती से जुड़े, धरती को स्पर्श करें, मिट्टी से शिवलिंग बनाएं, पारदेश्वर महादेव का पूजन करें। दिन में तीन बार शिव के दर्शन करें : महाराजश्री ने कहा प्रतिदिन दिन में तीन बार शिव के दर्शन करें, नहीं कर सकते तो एक दिन में एक बार दर्शन करें, यह नहीं कर सकते तो महीने में एक बार त्रयोदशी का व्रत रखें, यह भी नहीं कर सकते तो वर्ष में एक बार महाशिवरात्रि पर महादेव का दर्शन, पूजन करें। शिव शब्द का अर्थ ही कल्याण है।

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