Himachal Smart Cultivation : अब देश के किसान ड्रोन की मदद से स्मार्ट आलू खेती करेंगे। केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान (CPRI) ने दो वर्षों के सूक्ष्म परीक्षण के बाद आलू की फसल के लिए अर्ध ड्रोन प्रबंधन की सिफारिश की है। CPRAI के पंजाब के जालंधर और उत्तर प्रदेश के मोदीपुरम (मेरठ) क्षेत्रीय स्टेशनों पर दो साल से ड्रोन इस्तेमाल की जांच की जा रही है। इनमें दिखाया गया है कि ड्रोन का उपयोग फसल उत्पादन, समय और पानी की बचत करेगा।
Himachal Smart Cultivation : CPRAI परीक्षण ने दिखाया कि ड्रोन से एक एकड़ में छिड़काव के लिए सिर्फ 10 लीटर पानी पर्याप्त है, जबकि परंपरागत तरीके से 100 से 150 लीटर पानी की आवश्यकता होती है। छिड़काव के लिए कम मात्रा में कीटनाशकों या नैनो खाद की भी आवश्यकता होती है। ड्रोन से छिड़काव करने वाले किसानों का स्वास्थ्य भी सुरक्षित नहीं है। आलू की फसल को चलते रोगों से बचाने के लिए बार-बार कीटनाशकों का इस्तेमाल करना चाहिए, जो 90 से 110 दिन की छोटी अवधि में तैयार होती है। Himachal Smart Cultivation
Sarso Mandi bhav 15 February 2024: सरसों के भाव में आज तेजी रही या मंदी? देखें
ड्रोन छिड़काव परंपरागत छिड़काव की तुलना में सस्ता है। इतना ही नहीं, ड्रोन से आलू की फसल पर छिड़काव अधिक सटीक और प्रभावी हो सकता है। परीक्षण में पौधे से निकलने वाली महीन बूंदों की कवरेज तीन स्तरों (ऊपर, मध्य और नीचे) में अधिकतम पाई गई है। कृषि मंत्रालय ने कृषि विवि और सीपीआरआई को 2-2 ड्रोन दिए हैं। Himachal Smart Cultivation
परीक्षणों से पता चला है कि ड्रोन से कीटनाशकों का छिड़काव आलू की फसल पर प्रभावी है। ड्रोन बहुत सटीक और विश्वसनीय है और समय और लागत बचाता है। परीक्षण के आधार पर CPRAI ने ड्रोन से छिड़काव की आधिकारिक सिफारिश की है। डा. ब्रजेश सिंह, केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान, शिमला के निदेशक
रोजाना मंडी भाव व्हाट्सप्प पर पाने के लिए यहां क्लिक करके व्हाट्सप्प ग्रुप से जुड़े.
Apple Farming : सेब पैदावार में इन 3 राज्यों की 99 प्रतिशत तक हिस्सेदारी, यह राज्य टॉप पर