Haryana : हरियाणा में सजा चुनावी मैदान, अब उड़ेगा चुनावी रंग

Haryana News : हरियाणा में भाजपा ने लोकसभा चुनाव को लेकर उम्मीदवारों की सूची पहले ही जारी कर दी थी। कांग्रेस ने अब तक अपने पत्ते खोल नहीं थे। और इसकी लगातार की बैठकों के बाद एट की हुई नाम सूची को लेकर भाजपा ने बार-बार हमला भी बोला था। लेकिन कांग्रेस ने देर रात 8 में दीवारों की लिस्ट जा…

Loksabha Election 2024

हरियाणा में बीजेपी ने पहली बार 10 उम्मीदवारों का नाम घोषित किया था, लेकिन कई बैठकों के बाद भी कांग्रेस की लिस्ट अटक गई, क्योंकि भाजपा नेता बार-बार कांग्रेस पर चुटकी ले रहे थे। वहीं, कल देर रात कांग्रेस ने अपने आठ उम्मीदवारों के नामों पर मुहर लगा दी, जिसमें से कई नाम चौंकाने वाले थे। जिनमें सोनीपत से सतपाल ब्रह्मचारी, भिवानी-महेंद्रगढ़ से राव दान सिंह अंबाला से विधायक वरुण चौधरी, रोहतक से राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा, सिरसा से पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा, हिसार से पूर्व सांसद जयप्रकाश, करनाल से यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा, और फरीदाबाद से पूर्व कैबिनेट मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह शामिल हैं।

करनाल (Haryana )

भाजपा की उम्मीदवारों की सूची में करनाल से पूर्व सीएम मनोहर लाल का नाम था, जिसके बाद से चर्चा हुई कि कांग्रेस खटटर के खिलाफ किसी बड़े नाम की घोषणा कर सकती है। अब कांग्रेस ने युवा कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा को खट्टर के सामने उतारा है। दिव्यांशु बुद्धिराजा युवा कांग्रेस के अध्यक्ष बनने से पहले एनएसयूआई हरियाणा के अध्यक्ष भी रहे हैं। यह मूल रूप से गोहाना में रहता है। बुद्धिराजा को करनाल लोकसभा की टिकट मिलने का आधार राहुल गांधी के नजदीकी दीपेंद्र हुड्डा होना है। दिव्यांशु बुद्धिराजा एक युवा पंजाबी व्यक्तित्व है।

भिवानी-महेंद्रगढ़ (Haryana )

भिवानी: 2014 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए धर्मवीर चौधरी ने महेंद्रगढ़ सीट से दो बार 2014 से 2019 तक सांसद बने हैं। महेंद्रगढ़ से चार बार विधायक रहे हैं। अब कांग्रेस ने राव दान सिंह को उनके खिलाफ चुनाव में उतारा है। राव दान सिंह 64 वर्ष के हैं, एमएलबी, एमबीए, कानून और व्यक्तिगत प्रबंधन में डिप्लोमा हैं। राव दान सिंह प्रदेश और केंद्रीय नेतृत्व से करीबी हैं।

अंबाला (Haryana )

कांग्रेस ने वरूण चौधरी को अंबाला से टिकट दे दिया है। वे एलएलबी हैं। वह फिलहाल मुलाना एससी सीट से कांग्रेस विधायक हैं। वरूण चौधरी कांग्रेस कमेटी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष फूल चंद मुलाना के बेटे हैं और प्रदेश सरकार में मंत्री रहे हैं। 2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में चौधरी ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का मुलाना से उम्मीदवार राजबीर सिंह को 1,688 मतों से हराया। वरूण भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पक्षधर हैं। वरूण से मुकाबले में भाजपा का एकमात्र उम्मीदवार बंतो कटारिया है। बंतो कटारिया पूर्व सांसद रतन लाल कटारिया की पत्नी है। मृत्यु के बाद से उनकी राजनीतिक विरासत बंतो कटारिया ने संभाली है। उनके पति रतन लाल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहने के साथ-साथ यहां से 3 बार भी सांसद रहे हैं।

रोहतक (Haryana )

रोहतक में कांग्रेस के दीपेंद्र हुड्डा और भाजपा के अरविंद शर्मा एक बार फिर आमने-सामने होंगे। 2005 में 27 वर्ष की उम्र में दीपेंद्र हुड्डा ने अपना पहला चुनाव जीता और रोहतक से सांसद बने। साथ ही 2009 और 2014 में जीतकर हैट्रिक लगाई, लेकिन 2019 में भाजपा के अरविंद शर्मा से 7 हजार से अधिक वोटों से हार गए। 2020 में दीपेंद्र हुड्डा राज्यसभा में शामिल हुए। अब वे रोहतक से पांचवीं बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। रोहतक सीट एक हॉट सीट है। इसे हुड्डा का गढ़ भी कहते हैं।

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सोनीपत (Haryana )

कांग्रेस ने सोनीपत के प्रत्याशी सतपाल ब्रह्मचारी को चुना है। सतपाल को टिकट देकर कांग्रेस ने एक नए चेहरे को चुना। सतपाल जींद के गांगोली में पैदा हुए हैं। यह क्षेत्र सफीदों विधानसभा और सोनीपत लोकसभा में भी शामिल है। सतपाल को भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ मिलने से जाट वोटों को उनके पक्ष में करना भी संभव है। सतपाल ब्रह्मचारी को भी भाजपा से मोहन लाल बड़ौली और इनेलो से अनूप सिंह का सामना करना होगा। वर्तमान सांसद रमेश कौशिक का टिकट भाजपा ने मोहन लाल बड़ौली को दिया है।

1989 में मोहन लाल ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) में शामिल होकर बाद में भाजपा में शामिल हो गया। इनेलो राज में बड़ौली मुरथल से जिला परिषद चुनाव जीतने वाले पहले भाजपा उम्मीदवार थे। 2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीजेपी के सदस्य के रूप में मोहन लाल बड़ोली राई से चुने गए।

सिरसा (Haryana )

कुमार शैलजा ने कई बार विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा व्यक्त की थी, लेकिन सिरसा से कांग्रेस ने उसे टिकट दिया। 1990 में, कुमारी सैलजा महिला कांग्रेस की अध्यक्ष बनीं। वह चार बार लोकसभा सदस्य, एक बार राज्यसभा सदस्य और तीन बार केंद्रीय मंत्री रह चुकी है। 1991 में नरसिंह राव की सरकार में शिक्षा और संस्कृति मामलों की राज्यमंत्री भी बन गई। शैलजा के सामने भाजपा का अशोक तंवर है। इनेलो से संदीप लोट है, जबकि जेजेपी से रमेश खटक है।

फरीदाबाद (Haryana )

फरीदाबाद से महेंद्र प्रताप पर कांग्रेस ने दाव खेला है। महेंद्र प्रताप ने सरपंच से राजनीति में प्रवेश किया था। 1977 से 2014 तक के सभी नौ विधानसभा चुनावों में उन्होंने पांच बार जीत हासिल की, वहीं 2005 में विधानसभा चुनाव में हरियाणा में महेंद्र प्रताप सिंह को सबसे ज्यादा वोट मिले। महेंद्र प्रताप के सामने भाजपा के कृष्णपाल गुर्जर, इनेलो के सुनील तेवतिया और जेजेपी के नलिन हुड्डा हैं।

हिसार (Haryana )

कांग्रेस ने हिसार से पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश को उम्मीदवार बनाया। जेपी का चेहरा जाट है और हुड्डा के निकट है। जेपी ने हिसार से सात बार चुनाव जीता है और तीन बार सांसद चुके हैं। साथ ही, वह 2000 में बरवाला विधानसभा से कांग्रेस के टिकट पर विधायक भी रहे हैं और केंद्र सरकार में पैट्रोलियम राज्य मंत्री भी रहे हैं। इनकी राजनीतिक यात्रा छात्र राजनीति से शुरू हुई थी। भाजपा से रणजीत चौटाला, इनेलो से सुनैना चौटाला और जेजेपी से नैना चौटाला ने जेपी को टक्कर देने के लिए मैदान में उतरे हैं।

कांग्रेस ने अभी तक गुरुग्राम से कोई उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। यहां से कैप्टन अजय यादव दावेदार हैं, लेकिन कांग्रेस राज बब्बर को टिकट देना चाहती है। इसके अलावा, INDIA ब्लॉक के तहत AAP को कुरुक्षेत्र की सीट दी गई है, जहां सुशील गुप्ता उम्मीदवार हैं। कुल मिलाकर, अब हर पार्टी का मुकाबला दिलचस्प होने वाला है, लेकिन विजेता कौन होगा? जनता को इसे 4 जून को ही निर्धारित करना होगा।

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