Rajasthan Agriculture News : भारतीय किसान अब पारम्परिक फसलों के अलावा विदेशी फसलों की खेती भी करने लगे हैं, जिससे उन्हें ज्यादा मुनाफा हो सके. इसी क्रम में राजस्थान के एक किसान रामेश्वर लाल विदेशी फल की खेती कर लाखों की कमाई कर रहे हैं. उन्होंने इस सफलता से दूसरे किसानों के लिए एक मिसाल पेश की है. उन्होंने पारम्परिक फसल छोड़ दक्षिण अमेरिका, स्विटरजर्लैंड और भूटान की तर्ज़ पर भारत में ड्रैगन फ्रूट ओर थाई एप्पल की खेती की.
Rajasthan Agriculture News : राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के खजीना गांव के रहने वाले रामेश्वर लाल जाट किसी काम से गुजरात गए थे. वहां उन्होंने कुछ किसानों को ड्रैगन फ्रूट की खेती करते देखा. यह देख वह अचंभित रह गए, फिर इसके बारे में उन्होंने श्रीलंका, भूटान, स्विट्जरलैंड से बारीकी से जानकारी इकट्ठा की. इसके बाद उनकी दिलचस्पी काफी बढ़ने लगी और उन्होंने ड्रैगन फ्रूट की खेती करने की ठान ली.
राजस्थान की मरु भूमि में खेती में नये नये प्रयोग हो रहे हैं. यहां अब ऐसे फल की खेती की जा रही है जिसमें पानी कम से कम लगे और मुनाफा भरपूर हो. यहां के किसान थाई एप्पल जिसे कश्मीरी बेर भी कहते हैं, की खेती कर रहे हैं. कम समय में ही उन्हें ये फल खूब मुनाफा दे रहे हैं. Rajasthan Agriculture News
आइए जानते हैं कैसे होती है इसकी खेती पानी की बचत और आमदनी भी अच्छी हो तो ऐसी फसल की ओर आकर्षित होना स्वाभाविक है. कृषि विभाग की इसी सीख को दौसा जिले के किसानों ने अपना लिया है. यहां की ग्राम पंचायत जटवाड़ा में थाई एप्पल/ कश्मीरी बेर की खेती की जा रही है. कृषि वानिकी सब मिशन योजनांतर्गत इस फल के बगीचे किसानों ने लगवाए हैं.
डेढ़ साल में दूसरी बार फल
किसानों ने यहां करीब 4.5 हेक्टेयर जमीन में डेढ़ साल पहले इसकी खेती शुरू की. किसानों ने प्रयोग के तौर पर करीब 2 हजार पौधे यहां लगाए. सिर्फ डेढ़ साल में ही ये पेड़ फलने लगे और दूसरी बार फल आना शुरू हो गया है. कश्मीरी बेर की खेती देखकर लोगों का खेती करने का रुझान बढ़ रहा है. Rajasthan Agriculture News